नमस्कार दोस्तों मै हूँ राहुल कुमार जैसा कि आज हम जानेंगे कि कोरोना वाइरस कैसे पैदा हुआ और कैसे फैला इसका प्रकोप | कोरोना वाइरस लगभग 60 देशों में फैल चुका है और अभी तक के लगभग 3000 हजार या इससे अधिक लोग मर चुके हैं और इससे अधिक लगभग 40 - 60 हजार लोग कोरोना वाइरस से ग्रसित हैं |
कोरोना वायरस का जन्म - चीन के वुहान लैब में इबोला निपा जैसे दूसरे घातक वायरसो पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक अपने माइक्रोस्कोप में एक अजीब सा वायरस देखते हैं मेडिकल हिस्ट्री में ऐसा वायरस कभी नहीं देखा गया था इसके जेनेटिक सिक्वेंस को गौर से देखने पर पता चल रहा था कि चमगादड़ के करीबी हो सकते हैं वैज्ञानिक हैरान थे क्योंकि इस वायरस को सोर्स वायरस की समानता से देख रहे थे जिस ने 2002 और 2003 में चीन में महामारी लाती थी और दुनिया भर में 700 से ज्यादा लोग मारे गए थे उस वक्त यह बताया गया था कि सोर्स छूने या संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकते समय संपर्क में आने से फैलता है लेकिन तब यह चीन के वैज्ञानिकों ने छिपा ले गए थे
दिसंबर की शुरुआती हफ्ते में वुहान शहर के सीफूड मार्केट में इर्द-गिर्द रहने वाले कई लोग अचानक बुखार से पीड़ित होने लगते हैं इनके टेस्ट के सैंपल लैब में भेजे गए इसके बाद वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ़ बायोलॉजी नेशनल बायोसेफ्टी लैब के पास भेजे गए यहां वैज्ञानिक के जो माइक्रोस्कोप दिखा रहे थे वह आने वाले जानलेवा ग्लोबल खतरे का संकेत था मगर चीनी अधिकारियों ने डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को बदनामी और अफरा-तफरी से बचने के लिए खामोश करा दिया डॉक्टर लीवेलयांग के अस्पताल से स्थानीय सीफूड मार्केट से 7 मरीज पहुंचे यह वही डॉक्टर ली वेलयांग थे जिन्होंने पहली बार दुनिया को इस जानलेवा वायरस से आगाह करवाया था फिलहाल इन मरीजों को देख कर डाक्टर को समझ में आ गया था के सभी के सभी किसी अनजान घातक वायरस से संक्रमित हैं उन्होंने फौरन इस बीमारी को दूसरे डॉक्टरो को बताया और अपने रिश्तेदारों को बताया उन्होंने ऑनलाइन चैट करके भी दुनिया को बताया उनका मैसेज वायरल हो गया और चीन के अधिकारियों ने उनके साथ क्या किया यह जानकर हैरान हो जाएंगे नए साल की उपलक्ष में चीन के लोगों में यह बीमारी बहुत ही तेजी से फैल रहा था मगर चीन के अधिकारी और साइंटिस्ट ने इसे छुपाने लगे रहे मगर अंदर ही अंदर वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजी बायो सेफ्टी लैब में रिसर्च चलने लगी जो भी लैब में चमगादड़ से फैलने वाली बीमारियों पर रिसर्च जारी थी यह रिसर्च इसलिए चल रही थी जो कि वुहान और आसपास के इलाकों में चमगादड़ की तादाद ज्यादा थी बल्कि यहां चमगादड़ और दूसरे तमाम जानवरों का मांस खाया जाता था और चमगादड़ के सूप बनाकर पिए जाते थे और अब तक की जांच में यह साफ हो रहा था कि हो ना हो यह वायरस इन्हीं चमगादड़ से फैल रहा है डॉक्टर लीवेलयांग लगातार अपने मित्र डाक्टरों को आगाह कर रहे थे बल्कि पीड़ित मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखकर अपने तरीके से उपचार कर रहे थे इसी बीच चीन से निकलकर यह खबर पूरी दुनिया में फैल गई चीन ने यह मान लिया था कि उसके मुल्क में किसी कोरोना नाम की महामारी ने जकड़ लिया था वहीं दूसरी तरफ चीनी सरकार ने 34 साल के उम्र के डॉक्टर ली वेलयांग वायरस को आगाह करने वाले मैसेज का संज्ञान लेते हुए नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा पर डाली की परेशानियां यहीं खत्म नहीं हुई इसके फौरन बाद अफवाह फैलाने का आरोप लगा दिया गया उन्हें लिखित में माफी मांगनी पड़ी इस बीच वुहान और आसपास के इलाकों के साथ-साथ पूरा चीन और वुहान वायरस के चपेट में आ गया अब उससे होने वाले मौतों की आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है अचानक खबर आई कोरोना वायरस की खबर सबसे पहले देने वाले डॉक्टर ली वेलयांग की मौत हो गई बताया गया कि डॉक्टर ली 12 जनवरी से अस्पताल में भर्ती थे और 30 जनवरी 2020 को पता चला कि वह कोरोना वायरस के चपेट में आ गए चीन ने कहा कि उन्हें बचाने की कोशिश बहुत की गई पर वह नहीं बचे बुहान सेंट्रल हॉस्पिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि डॉक्टर ली की मौत 7 फरवरी की रात करीब 2:58 पर हुई बताया गया कि उन्हें कफ और बुखार था हालांकि सरकार विरोधी गुटों का यह मानना था की चीन ने उन्हें इस महामारी का खुलासा करने का सजा दी है यह खबर इसलिए हावी है कि शुरुआत में चीन 20000 कोरोना पीड़ितों को मार देने की सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट अर्जी की खबर आई थी मगर यह दोनों खबरें कंफर्म नहीं हो सके मगर चीनी में या कंफर्म हुआ दुनिया में जानलेवा आने वाले वायरस का सच जोअबतक देखते ही देखते हजारों लोगों को अपनी चपेट में ले कर बेमौत मारा चुका था |
apka yah suchna achchha laga
ReplyDeletegood
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